u3mayph-1उदयपुर, राज्य सरकार जहां एक और निशुल्क दवा और जांच की सुविधा देकर आम जनता को राहत पहुंचाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में बडे बडे स्पेशलिस्ट डाक्टर फीस के नाम पर मरीजों से रूपये एंठने मे लगे हुए है। और हद तो यह है कि डयूटी टाईम में ही यह डाक्टर अपने चेम्बर में मरीजों से रूपये वसूल रहे है ऐसे ही संभाग के सबसे बडे अस्पताल महाराणा भूपाल चिकित्सालय में फीस के नाम पर ५०० रूपये की रिश्वत लेते चित्तौड के भ्रष्टाचार निरोधक दल ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.सुभाष डंगायचा रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को घर बुलाकर मोटी फीस वसूलना व ऑपरेशन के लिए उनसे रूपये लेना तो आम बात थी लेकिन अब तो हद हो गई की विशेषज्ञ डाक्टर अपने डयूटी टाईम में चेम्बर में ही रूपये लेने से नहीं बाज आ रहे।

राजसमंद के श्याम सुंदर अपने परिचित केंसर पीडित कंकुबाई का ईलाज कराने के लिए उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय आया माच्र मे ही उन्होंने केंसर रोग विशेषज्ञ व विभागाध्यक्ष डा.सुभाष को दिखाया व फीस के नाम पर पर दौ सो रूपये भी दिये तथा दूसरी बार भी जब दिखाने आया तो डाक्टर ने पांच सौ रूपये फीस के उनके चेम्बर में ही वसूल किए। हर वक्त फीस चुकाने के बाद भी उनकी परिचित कंकुबाई का ईलाज सही ढंग व समय पर नहीं हो रहा था व डाक्टर की फीस की मांग हर वक्त बढती जा रही थी इससे परेशान श्याम सुंदर ने चित्तौड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों में शिकायत करी। एक मई को एसीबी टीम उदयपुर पहुंची व श्याम सुंदर को भेज कर रिश्वत लेने कि पुष्टि करवाई। श्याम सुंदर शुक्रवार को कंकुबाई को लेकर अस्पताल डाक्टर के चेम्बर में पहुंचा जहां फीस के नाम पर पांच सौ रूपये लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों दबोच लिया व मौके पर ही कार्यवाही के बाद डाक्टर को लेकर उदयपुर स्थित एसीबी कार्यालय पहुंची और डाक्टर सुभाष के घर की तलाशी ली जिसमें ३ लाख ७० हजार नगद मिले व लॉकर से ९० हजार के जेवर मिले तफतीश जारी है। तथा बैंक एकाउन्ट और जमीन के दस्तावेज की जांच की जा रही है।

मंहगा ईलाज और बाहर की दवाईयां लिखना डाक्टर की आदत :डा.सुभाष डंगायचा अक्सर मरीजों को सरकारी दवाई को बेअसर बताते हुए सादे कागज पर बाहर की दवाई लिखते थे यहीं नहीं कुछ चुनिन्दा मेडिकल स्टोर ने पर्चियां छपवाकर दे रखी थी वहीं से दवाईयां लेने का दबाव बनाते। सूत्रों के अनुसार यदि कोई मरीज अन्य मेडिकल स्टोर से दवा ले आता तो उसका नहीं मानते। डा.डंगायचा पिछले पन्द्रह सालों से एमबी अस्पताल में इसी विभाग में है व पिछले छह सालों से कैंसर के एकमात्र डाक्टर है तथा आउटडोर से ही रोगियों को मंहगा इलाज लिखना उनकी आदत बन चुका था।

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