उदयपुर जिला प्रशासन की अनूठी पहल,

आकर्षण जगा रहा है ओडीएफ ओलंपिक

kavita-19-sept-2016-2उदयपुर. उदयपुर जिले की बड़गांव पंचायत समिति का कविता गांव इन दिनों पूरे मेवाड़ क्षेत्र के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है जहां जिले में ओडीएफ घोषित हो चुकी ग्राम पंचायतों का भव्य ओडीएफ ओलंपिक चल रहा है। इसमें उदयपुर जिले की उन 53 ग्राम पंचायतों की 45 वालीबॉल टीमें भाग ले रही हैं जो कि खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुकी हैं।

ओडीएफ ग्राम पंचायतों को उनकी पहल के लिए सम्मानित करने और जिले भर में स्वच्छता का बेहतर माहौल स्थापित कर शेष बची दूसरी सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने के लिए प्रोत्साहन देने के मकसद से चल रहा यह ओलंपिक वालीबॉल खिलाड़ियों का कुंभ बना हुआ है। यह पहला और अनूठा प्रयास आशातीत रूप से सफल रहा है।

राजस्थान भर में इस प्रकार की अभिनव पहल करते हुए ओडीएफ ओलंपिक का आयोजन ग्रामीणों में जबर्दस्त लोकप्रिय हुआ है और अब इस ओलंपिक में न केवल ओडीएफ हो चुकी ग्राम पंचायतों के वालीबॉल खिलाड़ी, ग्राम्य जन प्रतिनिधि और ग्रामीण आए हुए हैं बल्कि जिले के विभिन्न हिस्सों से इस आयोजन का दर्शक होने का सौभाग्य पाने के लिए भी ग्रामीणों के समूह पहुंच रहे हैं।

इन गांवों के लोगों में अब इस बात की प्रतिस्पर्धा जग चुकी है कि उनकी ग्राम पंचायत भी ओडीएफ घोषित हो ताकि उन्हें भी इस ओलंपिक में भाग लेने का अवसर मिल सके। विशेषकर जिले के वालीबॉल खिलाड़ियों में इस ओलंपिक ने उत्साह भर दिया है और अब वे अपनी ग्राम पंचायतों को भी ओडीएफ कराने में पीछे नहीं रहना चाहते।

राजस्थान भर में स्वच्छता के मामले में अभिनव पहल के रूप में उदयपुर जिले की कविता ग्राम पंचायत ने ओडीएफ ओलंपिक आयोजित कर इतिहास रच दिया है।  इसके पीछे की कहानी भी न केवल रोचक है बल्कि यहसिद्ध करने के लिए काफी है कि ग्रामीण दिल से यदि चाह लें तो कुछ भी असम्भव नहीं है।

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जिला प्रशासन की ओर से  हाल ही 30 दिन में 30 ग्राम पंचायताेंं को 15 अगस्त तक खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायत (ओडीएफ) घोषित करने का अभियान चलाने के बाद कविता ग्राम पंचायत में ओडीएफ ओलंपिक कराने की जब परिकल्पना की गई थी। उस समय तक कविता ओडीएफ घोषित नहीं हुआ था।

अपने गांव में ओडीएफ ओलंपिक के रूप में वालीबाल प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने के बावजूद खुद की ग्राम पंचायत के ओडीएफ नहीं होने की शर्म वाली बात सामने आने पर ग्राम पंचायत तथा गांव के खिलाड़ियों और ग्रामीणों को यह अच्छा नहीं लगा।  कविता वालीबॉल के खिलाड़ियों का गढ़ रहा है और यहां राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके और कई पुरस्कार जीत चुके खिलाड़ियों की बहुत बड़ी संख्या है।

गांव के खिलाड़ियों को यह सुनकर बुरा लगा कि उनके गांव में ओडीएफ ग्राम पंचायतों का ओलंपिक हो और उनका क्षेत्र भागीदारी नहीं कर पाएगा। ओडीएफ नहीं हो पाने की शर्म आएगी वो अलग। इसके बाद इन खिलाड़ियों ने संकल्प ले लिया कि जल्द से जल्द कविता भी ओडीएफ घोषित होकर रहेगी।

ग्रामीणों ने मिलजुलकर सामूहिक रूप से यह तय कर लिया कि कविता ग्राम पंचायत में ओडीएफ ओलंपिक होंगे तो उसमें कविता ग्राम पंचायत भी भाग लेगी।  करीब 32 दिन तक ग्रामीणों ने दिन-रात एक कर अभियान चलाया और अपनी ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करवा कर ही दम लिया।

अब कविता ग्राम पंचायत को ओडीएफ ओलंपिक की मेजबानी का मजा भी आ रहा है और ओलंपिक में भागीदारी का सुकून भी पा लिया है। ओलंपिक को लेकर भव्य मैदान बनाया गया है जहां वालीबॉल की प्रतियोगिताएं हो रही हैं। खिलाड़ियों के आवास एवं भोजनादि की बेहतर व्यवस्था की गई है। यह स्पर्धा  22 सितम्बर तक चलेगी। इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को क्रमशः 3 लाख, 2 लाख तथा 1 लाख की धनराशि जिला कलक्टर के स्वविवेक मद में ग्राम्य विकास के लिए दी जाएगी। इसी प्रकार जिला परिषद द्वारा विजेता एवं उप विजेता टीमों की पंचायत समितियों को विकास के लिए 10-10 लाख रुपए की धनराशि भी मुहैया कराई जाएगी।

इसके उद्घाटन समारोह में जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने ओडीएफ घोषित सभी 53 ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों को इस उपलब्धि के लिए मेडल पहना कर सम्मानित किया। कविता इन दिनों ओडीएफ ओलंपिक की वजह से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

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