सलुम्बर नगर पालिका में तीन पार्षदों के क्रॉस वोटिंग करने के बावजूद मंगलवार काे भाजपा पार्षद राजेश्वरी शर्मा सलूंबर की नई पालिकाध्यक्ष चुन ली गईं। भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी राजेश्वरी को 20 में से 12 वोट और कमला गांधी को सिर्फ 8 वोट मिले। पालिका में कुल पार्षद 20 हैं, जिनमें से भाजपा के 15 और कांग्रेस के 5 पार्षद हैं। भाजपा के 10 और कांग्रेस के 5 पार्षदों ने मिलकर अध्यक्ष कमला गांधी के खिलाफ 18 जून को अविश्वास पेश किया था। 5 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पास होने से यह पद रिक्त हो गया था। भास्कर ने 27 जून को ही बता दिया था कि कमला की कुर्सी बचना मुश्किल है और राजेश्वरी नई अध्यक्ष बन सकती हैं। रिटर्निंग अधिकारी धर्मराज गुर्जर की देखरेख में हुए चुनाव में 10.30 बजे राजेश्वरी शर्मा पार्षद हीना व राकेश पूर्बिया के साथ नामांकन भरने पहुंचीं। उसके तुरंत बाद कमला गांधी पार्षद ज्योत्सना कुंवर व संजय चाष्टा के साथ पर्चा दाखिल करने आईं। 2.30 बजे वोटिंग शुरू हुई और शाम 4 बजे परिणाम घोषित कर दिया गया। राजेश्वरी के विजय की घोषणा होते ही उनके समर्थकों ने जश्न मनाया। माहौल गरमाने की आशंका को देखते हुए तहसीलदार डायालाल पाटीदार, एएसपी नारायणसिंह राज पुरोहित, डिप्टी एसपी प्रेम धणदे, थानाधिकारी सलूंबर शैलेंद्रसिंह सहित जिले के 8 थानाधिकारी जाब्ते के साथ तैनात रहे।

राजेश्वरी बोलीं-तानाशाही और भ्रष्टाचार का अब कोई स्थान नहीं
नव निर्वाचित पालिकाध्यक्ष राजेश्वरी शर्मा का कहना है कि बतौर चेयरपर्सन वे व्यवस्था बदलने पर फोकस करेंगी। पालिका को भ्रष्टाचार मुक्त व नगर को स्वच्छ बनाकर एक मिसाल कायम करेंगी। शर्मा ने यह बात चुनाव जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में कही। शर्मा ने कहा कि तानाशाही, भ्रष्टाचार, पक्षपात व हठधर्मिता का अब कोई स्थान नहीं होगा। जिन्होंने मुझे अध्यक्ष चुना है वे सभी सदस्य मेरे लिए बोर्ड के अध्यक्ष हैं। पार्षदों की जायज मांगों के साथ ही नगर के विकास के मुद्दों पर गंभीरता से काम किया जाएगा। इधर, शर्मा के अध्यक्ष बनने की सूचना मिलते ही उदयपुर रोड पर उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। जमकर आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया गया। इसके बाद शर्मा को फूल मालाओं से लाद दिया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर वाहन रैली निकाली गई। मुख्य मार्गों से होकर रैली गांधी चौक पहुंची। इस मौके पर रमाकांत शर्मा, शांतिलाल भलवाड़ा, लक्ष्मीलाल पूर्बिया, नरेंद्र मीणा, रामकृपा शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, पुष्पेंद्र सोनी, हितेश सोनी, मोइनुद्दीन मंसूरी आदि मौजूद थे।
पहली बार पार्षद बनी थीं राजेश्वरी
अविश्वास प्रस्ताव में शामिल थेपांच कांग्रेसी पार्षद
गांधी के खिलाफ 20 में से 15 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, उसमें 5 कांग्रेसी भी शामिल थे। लेकिन मंगलवार को राजेश्वरी को 12 वोट ही मिले। अविश्वास में शामिल कांग्रेस के पांच में से तीन पार्षद फिर से गांधी के खेमे में चले गए। वोटिंग के दौरान कांग्रेस पार्षद गोपाल राव, मोहम्मद सिद्दीक और जय प्रकाश जैन गांधी समर्थक भाजपा पार्षद अंसार अहमद व इंजमामउल हक के साथ वोट डालने पहुंचे थे तभी अनुमान लगाया जा रहा था कि इन तीन कांग्रेसी पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर कमला का साथ दिया। नेता प्रतिपक्ष अब्दुल रऊफ खान ने भी इस बात की पुष्टि की है कि भाजपा पार्षदों के साथ वोट डालने पहुंचे तीन कांग्रेसी पार्षदों राव, सिद्दीक व जैन ने कमला का साथ दिया है इस कारण राजेश्वरी को तीन वोट कम मिले।
नव निर्वाचित पालिकाध्यक्ष राजेश्वरी शर्मा ने पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा। वह साल 2015 में हुए निकाय चुनाव में वार्ड 20 से भाजपा के टिकट से पार्षद बनी थी। तब भी अध्यक्ष पद की दावेदारी रखी थी, लेकिन बात नहीं बनी। इससे पूर्व शर्मा ने कोई चुनाव नहीं लड़ा था। कला स्नातक 31 वर्षीय राजेश्वरी मूलतः सेमारी की है। सलूंबर निवासी भाजपा देहात जिला मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र शर्मा की पत्नी है।

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