राज्य सरकार ने 46 निजी विश्वविद्यालयों को स्वयं के नियम और शुल्क निर्धारित करने पर रोक लगा दी है। निजी विश्वविद्यालयों को प्रवेश नियम और शुल्क लौटाने जैसे नियम – कायदे खुद की वेबसाइट पर दर्शाने अनिवार्य होंगे। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी और 46 निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों की सचिवालय में हुई बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों ने ये फरमान सभी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को सुनाया है। बैठक में अफसरों ने स्पष्ट किया कि सभी विश्वविद्यालय आरटीआई के दायरे में है। ऐसे में लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति से लेकर वेबसाइट पर इसका प्रचार- प्रचार किया जाना अनिवार्य रहेगा।
सीएम पोर्टल पर प्राइवेट विश्वविद्यालयों के खिलाफ शिकायतों का समाधान 31 जुलाई तक किया जाएं। पीएचडी के संबंध में निजी विश्वविद्यालयों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए है कि अन्य शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को सुपरवाइजर नियुक्त कर शोध कार्य नहीं करवाएं । विश्वविद्यालय सिर्फ स्वयं के नियमित रूप से नियुक्त शोध निर्देशक के माध्यम से ही ऐसे विषयों में पीएचडी के लिए विद्यार्थियों का पंजीकरण कर सकता है। जिस विषय में निजी विश्वविद्यालय में पीजी अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है तथा कम से कम 2 शिक्षक शोध सुपरवाइजर की निर्धारित योग्यता धारण करते हो। विश्वविद्यालयों को 180 दिन का शैक्षणिक दिवस सुनिश्चित करने, डिग्रियों के टाइटल यूजीसी के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार रखने जैसे निर्देश भी बैठक में दिए गए।
46 में सिर्फ 4 विश्वविद्यालयों ने ही ली नैक की मान्यता
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यापन परिषद, नैक द्वारा 46 निजी विश्वविद्यालयों में से सिर्फ 4 विश्वविद्यालयों ने नैक से मान्यता प्राप्त करने की रिपोर्ट पर बैठक में चिंता जाहिर की गई। बैठक में इन सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया गया कि एमएचआरडी से जुड़े हायर एजुकेशन के सर्वे में समय पर वार्षिक रूप से डेटा अपलोड किया जाएं। नैक से लगातार मान्यता बरकरार रखते हुए रैंकिंग प्राप्त की जाएं।
निजी विवि अपने प्रमुखों को चांसलर या वाइस चांसलर नाम नहीं रखें
निजी विश्वविद्यालय प्रमुख के नाम चांसलर या वाइस चांसलर रखने की चेयरमैन या प्रेसिडेंट रखने होंगे। इसके लिए यूजीसी ने गाइडलाइन जारी कर दी है। आगे से समस्त विश्वविद्यालय इसे फॉलो करेंगे।
दूसरी जगह शाखा नहीं खोलें
प्राइवेट विश्वविद्यालय अपनी शाखाएं या ऑफिस किसी दूसरी जगह नहीं रख सकेंगे। इसके अलावा ओपन शिक्षा के तहत कोर्स का संचालन नहीं कर सकेंगे। इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए है।
अनियमितताओं की वजह से 8 विवि राडार पर
बैठक में बताया गया कि गलत तरीके से डिग्री प्रदान करने और अनियमितताएं करने के मामले में आठ विश्वविद्यालय राज्य सरकार की राडार पर है। इनके खिलाफ जांच पूरी हो चुके है। राज्य सरकार एक्शन ले सकती है।

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